tag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post3292870564762267430..comments2023-10-31T16:40:30.681+05:30Comments on मौन में बात...: निर्मल वर्मा- बुखारमानवhttp://www.blogger.com/profile/11993743283195892659noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-13606816799396990792022-04-25T16:23:39.882+05:302022-04-25T16:23:39.882+05:30Bukhar kahani nhi mil rahi plz help Bukhar kahani nhi mil rahi plz help Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08952657558658330159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-90459968208491778102020-10-21T07:43:40.386+05:302020-10-21T07:43:40.386+05:30बुखार कहानी खोजने से नही मिल रही है कृपया मदद करें...बुखार कहानी खोजने से नही मिल रही है कृपया मदद करेंMayankhttps://www.blogger.com/profile/08103946786146321779noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-20592496545583064832020-10-20T21:33:15.579+05:302020-10-20T21:33:15.579+05:30HOW to read storyHOW to read storyMayankhttps://www.blogger.com/profile/08103946786146321779noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-62640226131896225262009-08-17T10:13:12.026+05:302009-08-17T10:13:12.026+05:30Your blog has taken me into a all together new wor...Your blog has taken me into a all together new world!!Swatantrahttps://www.blogger.com/profile/07464802388614327065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-46187389235855284332009-07-22T15:22:14.133+05:302009-07-22T15:22:14.133+05:30मानव आज बहुत अरसे के बाद यहां आना हो रहा है और आते...मानव आज बहुत अरसे के बाद यहां आना हो रहा है और आते ही निर्मल वर्मा जी से मुलाकात कर आनंद आ गया। निर्मल वर्मा का लिखा हुआ हमेशा ऐसा लगता है जैसे हमारा सोचा, जीया, भोगा जीवन शब्दों में उतर आया हो। मैं बहुत से लेखकों को बहुत पसंद करती हूं लेकिन निर्मल जी को पढ़ कर जो अनुभूति होती है वो सबसे अलग होती है बिल्कुल निजी।दीपा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/12130328147834660274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-53843856387363047002009-06-18T13:43:17.734+05:302009-06-18T13:43:17.734+05:30nirmalji nirmal hain!nirmalji nirmal hain!ravindra vyashttps://www.blogger.com/profile/14064584813872136888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-33899784471345477152009-06-17T20:01:46.220+05:302009-06-17T20:01:46.220+05:30निर्मल वर्मा की रचनाओं को पढ़ते हुए कई बार लगता है...निर्मल वर्मा की रचनाओं को पढ़ते हुए कई बार लगता है कि जो मज़ा आ रहा है उसे 'प्रोलॉन्ग' करने के लिए बचा-बचा कर आहिस्ता आहिस्ता पढ़ा जाए । <br />सर्दियों के गुनगुने दिनों में छत पर लेटकर निर्मल वर्मा को पढ़ने वाले छोटे शहर के वो दिन खूब खूब याद आए ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-84944874642600204622009-06-17T19:55:10.636+05:302009-06-17T19:55:10.636+05:30निर्मल वर्मा की प्रसिद्ध रचनाओं में "वे दिन&q...निर्मल वर्मा की प्रसिद्ध रचनाओं में "वे दिन" और उनके अनुवादों में रोमियो जूलियट और अँधेरा बहुत प्रसिद्ध है...<br />चेक साहित्य को हिंदी में लाने का काम उन्ही का है, पता नहीं ऐसे लेखक के अनुवाद को क्यों नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है. <br />भारतीय होते हुए भी उनकी कई रचनाओं का परिप्रेक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय रहा है..<br />अगर संभव हो सके तो आप उनकी रचनाओं को वेब पर लायें, आभारी रहूँगा...Sachihttps://www.blogger.com/profile/04099227991727297022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-29535945125325713472009-06-17T18:03:08.377+05:302009-06-17T18:03:08.377+05:30निर्मल वर्मा जी का शब्दों का प्रयोग दिल को छूता है...निर्मल वर्मा जी का शब्दों का प्रयोग दिल को छूता है। एक कहानी कुछ दिनों पहले पढी थी शायद नाम डाक टिकटें। कैसे एक बच्चे का चित्रण किया था उस कहानी में। सच दिल खुश हो गया। आज पहली बार आपके ब्लोग पर निर्मल जी के कारण हुआ और आकर अच्छा भी लगा। खासकर किताबों की पंक्तियों को पढना।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3695385750362885175.post-8379339248333453982009-06-17T18:02:02.676+05:302009-06-17T18:02:02.676+05:30निर्मल वर्मा जी का शब्दों का प्रयोग दिल को छूता है...निर्मल वर्मा जी का शब्दों का प्रयोग दिल को छूता है। एक कहानी कुछ दिनों पहले पढी थी शायद नाम डाक टिकटें। कैसे एक बच्चे का चित्रण किया था उस कहानी में। सच दिल खुश हो गया। आज पहली बार आपके ब्लोग पर निर्मल जी के कारण हुआ और आकर अच्छा भी लगा। खासकर किताबों की पंक्तियों को पढना।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.com